मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को पचपदरा में करीब सवा घंटे तक एचपीसीएल अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि राजस्थान में रिफाइनरी का निर्माण कार्य निर्धारित समय पर पूरा करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने रिफाइनरी के पूरे प्रोजेक्ट की विस्तृत बिंदुवार समीक्षा की। उन्होंने कहा कि करीब एक चौथाई कार्य प्रगति पर है और करीब 20 हजार करोड़ के कार्यों की निविदा जारी की जा चुकी है एवं 3 हजार करोड़ रुपए अब तक व्यय हो चुके हैं। वर्तमान में यहां पर 3800 कर्मचारी नियोजित हैं एवं पूरी पीक सीजन में यहां करीब 35 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
राजस्थान की यह रिफाइनरी देश में बनने वाली रिफाइनरियों में से सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। नौ मिलियन टन क्षमता की यह रिफाइनरी बनने के बाद राज्य का चहुंमुखी विकास होगा। एचपीसीएल के प्रबंधक निदेशक एम.के. सुराणा ने मुख्यमंत्री को निर्माणाधीन प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी दी। वहीं मुख्य कार्यकारी अधिकारी शेखर गायकवाड़ ने क्रूड ऑयल के रिफाइनरी में आने तथा तेल के रिफाइन होने की पूरी प्रक्रिया से अवगत कराया। एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस पी गायकवाड़ ने देश की अन्य रिफाइनरियों तथा राजस्थान रिफाइनरी के बीच बुनियादी अंतर से अवगत कराया। इस दौरान राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, विधायक मदन प्रजापत, मुख्यमंत्री के सलाहकार गोविंद शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख शासन सचिव कुलदीप रांका, प्रमुख शासन सचिव खान कुंजीलाल मीणा, आईजी नवज्योति गोगाई, संभागीय आयुक्त बी. एल. कोठारी, खान निदेशक गौरव गोयल, जिला कलेक्टर अंशदीप आदि मौजूद थे। समीक्षा के बाद संवाददाताओं से बातचीत में गहलोत ने कहा कि रिफाइनरी लगने से हजारों स्थानीय लाेगों को रोजगार मिलेगा। कौशल विकास के जरिए युवाओं को तकनीकी क्षेत्र में प्रक्षिक्षित किया जाएगा। इससे वे पेट्रो केमिकल क्षेत्र में अपना भविष्य संवार सकेंगे। रिफाइनरी का कार्य पूर्ण होने से राज्य की आय में बढ़ोतरी होने के साथ यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।