दुनिया में तेजी से पांव पसार रहे कोरोना वायरस से बचाव के लिए विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने की तैयारियों ने गति पकड़ ली है। साथ ही देश में बड़ी संख्या में लोगों को आइसोलेशन में रखने के लिए सेना ने अपनी तैयारियां बढ़ी दी है। जैसलमेर में एक हजार से अधिक लोगों को आइसोलेशन में रखने की तैयारियों के बाद अब सेना ने बाड़मेर में भी इसी तरह की तैयारी कर ली है। आवश्यकता पड़ने पर बाड़मेर में भी कोरोना संदिग्ध लोगों को आइसोलेशन में रखा जा सकेगा।
कोरोना की आहट को भांव भारतीय सेना ने एक माह पहले से अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। इस कड़ी में जोधपुर व जैसलमेर में सेना ने अपनी यूनिटों को अन्यत्र शिफ्ट कर एक-एक हजार से अधिक लोगों को रखने के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित कर ली। फिलहाल जैसलमेर में ईरान से लाए गए 484 भारतीय नागरिकों को आइसोलेशन में रखा गया है। जोधपुर में फिलहाल किसी को नहीं रखा गया है। अब सेना ने बाड़मेर में भी इसी तर्ज पर एक वेलनेस सेंटर कम आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया है। बाड़मेर जिला कलेक्टर अंशदीप ने गुरुवार को सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर सैन्य क्षेत्र में विकसित किए गए आइसोलेशन सेंटर के बारे में विस्तार से चर्चा की। बताया जा रहा है कि आवश्यकता पड़ने पर एहतियात के तौर पर सेना ने इसकी तैयारी की है। ताकि आपदा की स्थिति में तुरंत लोगों को आइसोलेटेड रखा जा सके।
उल्लेखनीय है कि जैसलमेर में सेना के वेलनेस सेंटर में रह रहे 484 भारतीय नागरिकों को बेहतरीन सुविधाएं प्रदान की गई है। इस सेंटर में महिला व पुरुषों को अलग-अलग रखा हुआ है। साथ ही आयु वर्ग के हिसाब से भी लोगों को रखा जा रहा है। इस सेंटर में प्रत्येक 20 लोगों की एक डॉक्टर सहित सात जनों की टीम देखरेख कर रही है। वहीं आइसोलेशन में रह रहे लगों की सुविधा के लिए खेलकूद गतिविधियों सहित संगीत व टीवी की सुविधाएं प्रदान की गई है। साथ ही सेना के कुछ इन सभी को पौष्टिक आहार उपलब्ध करवा रहे है।